How ATM works – ATM कैसे काम करता है

atm

ATM की full form होती है Automated Teller Machine.

दुनिया की पहली स्वचालित टेलर मशीन 1967 में लंदन में बार्कलेज बैंक की एक शाखा में स्थापित की गई थी। एटीएम ने उपभोक्ताओं के हाथों में नकदी प्राप्त करना त्वरित, आसान और सुविधाजनक बना दिया है। इस सुविधा के लिए एक कीमत चुकानी पड़ती है। 

स्वाभाविक है की, एटीएम में वह मानवीय तत्व नहीं होता है। यदि कोई समस्या है, तो आप मशीन से बात नहीं कर सकते। इसके अलावा, एटीएम का उपयोग महंगा हो सकता है, और कार्डधारकों को धोखाधड़ी और चोरी की चपेट में ले सकता है।

जब आपके पास cash नहीं होता तब आप ATM जाते हैं और अपने खाते से पैसा निकाल लाते हैं। यह बैंक की लाइन में लगकर, cash withdrawl form भरकर पैसा निकालने के मुकाबले काफी जल्दी और आसान तरीका है। आपको सिर्फ कार्ड रीडर में अपना Debit/ATM कार्ड डालना हैं। और फिर स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों का जवाब देते जाइये। उसके बाद लगभग 1 – 2 मिनट बाद आपको आपके पैसे और रसीद मिल जाती है। ये मशीनें आपने शॉपिंग माल, बैंक के बहार , बाजार में और गांवों में देखी और इस्तेमाल भी की होगी।

लेकिन क्या अपने सोचा की यह कैसे काम करती है ? इस पोस्ट में हम ATM से जुड़े कई सवालों के जवाब जानेंगे –

  1. ATM कैसे काम करता है ?

  2. ATM के क्या नुकसान हैं ?

  3. अपनी प्रॉपर्टी पर ATM कैसे लगवायें ?

  4. दिव्यांग व्यक्ति के लिए ATM

  5. ATM परिक्रिया सुरक्षित है। 

ATM कैसे काम करता है ?

आम भाषा में कहे तो ATM एक कंप्यूटर है जो दूसरे कंप्यूटर से जुड़ा हुआ होता है। तकनिकी भाषा में एक डाटा टर्मिनल। इस डाटा टर्मिनल को एक होस्ट मशीन से कनेक्ट करना होता है। होस्ट मशीन इंटरनेट की मदद से खाताधारक को सभी मौजूदा ATM से जोड़ देती है। अब खाताधारक किसी भी ATM पर जाकर अपने खाते से पैसा निकल सकता है। कोई और खाताधारक आपके खाते से गलती से या जानबूझकर पैसा ना निकाल ले उसके लिए उसके लिए आप आपसे डेबिट कार्ड मांगा जाता है. आपके कार्ड के पीछे की काली चुंबकीय पट्टी को मैगस्ट्रिप कहा जाता है। पट्टी छोटे चुम्बकों से बनी होती है जिसमें आपके खाते की जानकारी संग्रहीत होती है। जब कार्ड मशीन में स्वाइप किया जाता है, तो यह आपके खाते की जानकारी को संसाधित करेगा और लेनदेन होगा। कोई भी एटीएम बिना इंटरनेट के काम नहीं करेगा। यह इंटरनेट बैंक का प्राइवेट नेटवर्क भी हो सकता है और यह कोई ब्रॉडबैंड से कनेक्टेड एटीएम भी हो सकता है. ठीक उसी तरह जिस तरह हम घर पर मॉडेम का इस्तेमाल करके अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट करते हैं उसी तरह एटीएम मशीन के अंदर भी मॉडेम लगा होता है जो उसको इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। ATM को दिया गया इंटरनेट काफी तेज स्पीड वाला होता है यह साधारण इंटरनेट के मुकाबले काफी अच्छा काम करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंटर एटीएम बिना किसी रूकावट के काम करता रहे 500 या उससे ज्यादा अगर खाताधारक अपनी उस एटीएम पर आकर पैसा निकालते हैं तो एटीएम बिना किसी त्रुटि के काम करता रहे।

सुरक्षित है इसकी परिक्रिया।

ग्राहक के खाते की जानकारी जैसे खाता संख्या और एटीएम पिन, इन सभी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए Triple DES (Data Encyption Software) वाले सॉफ्टवेयर का ही प्रयोग किया जाता है।इन सॉफ्टवेयर को बैंक इस्तेमाल करने से पहले चेक भी करता है कि यह सही से काम कर रहे हैं।

लेकिन बैंक आपसे भी यह उम्मीद करता है कि आप बैंक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और अपनी खाता जानकारी की सुरक्षा खुद करें। क्योंकि बैंक सिर्फ अच्छे सॉफ्टवेयर तक ही आपकी मदद कर सकता है। लेकिन अगर आप खुद ही अनजाने में किसी को अपनी खाता संख्या, OTP या पिन बता रहे हैं तो उसमें बैंक आपकी कोई मदद नहीं कर पाएगा।

VISA और MASTERCARD दुनिया की सबसे बड़ी कार्ड निर्माता कंपनियों में से है। जो निजी और सरकारी बैंकों के साथ अनुबंध कर कर उनके लिए कार्ड बनाती हैं।

इन कार्ड बनाने वाली कंपनियों और बैंकों द्वारा दिए गए कुछ टिप्स है। बैंक चाहता है कि आप उनको इस्तेमाल में लाएं उनका पालन करें।

जैसे की:

  • आप अपना पिन स्वयं चुनें
  • अपना पिन न लिखें। यदि आपको इसे लिखना ही है, तो इसे अपने बटुए या पर्स में न रखें।
  • अपने पिन को अक्षरों या संख्याओं का एक PIN बनाएं जिसे आप आसानी से याद रख सकें। लेकिन ऐसा जिसका आसानी से आपके साथ व्यक्तिगत रूप से सम्बंधित न हो। 
  • आपका PIN आपके जन्मतिथि, घर के नंबर, या फ़ोन नंबर से मिलता जुलता न हो। 
  • अपने एटीएम कार्ड को अपने पर्स या बटुए में ऐसे स्थान पर रखें, जहां वह खरोंच या मुड़ा हुआ न हो।
  • एटीएम के पास जाने से पहले अपना कार्ड निकाल लें। 
  • अपना पिन टाइप करते समय सीधे एटीएम कीपैड के सामने खड़े हो जाएं और हाथ से किपैड को ढक लें। यह मशीन का उपयोग करने की प्रतीक्षा कर रहे किसी व्यक्ति को आपकी व्यक्तिगत जानकारी देखने से रोकता है।
  • अपने लेन-देन के बाद, अपनी रसीद, कार्ड और पैसे ले लें। 
  • अगर कोई या कुछ आपको परेशान करता है, तो अपना लेनदेन रद्द करें और मशीन को तुरंत छोड़ दें।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए अपने बैंक से संपर्क करें कि लेन-देन रद्द कर दिया गया है और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बैंक को सूचित करें।
  • सुरक्षा कारणों से ऐसी एटीएम की तलाश करनी चाहिए जो अच्छी तरह से प्रकाशित सार्वजनिक स्थान पर स्थित हो। 

ATM के क्या नुकसान हैं ?

अपराधिक घटनाएं :
  • हैकिंग – पहला नुकसान अपराधी एटीएम को हैक कर सकते हैं। वह मशीन में छोटे-छोटे कैमरे लगा देते हैं ताकि PIN पता कर सकें।उनके पास ऐसे उपकरण होते हैं जो कार्ड के पीछे मौजूद पट्टी की नक़ल कर सकते हैं। उपकरण फिट करके खाते की जानकारी ATM  का पिन नंबर जानने के बाद उसका प्रयोग कर उन खातों से पैसा निकालने के लिए करते हैं। एक शोध में यह पाया गया कि हर साल लगभग लाखों रुपए ATM से चुरा कर लिए जाते हैं। देश में, साल 2019 में, ATM धोखाधड़ी से संबंधित लगभग दो हजार मामले दर्ज किए गए। अपराध की यह श्रेणी भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के दायरे में आती है।
  • अतिरिक्त शुल्क – बैंकों को और मशीन मालिकों को, इस अतिरिक्त शुल्क से राजस्व का एक बड़ा स्रोत मिलता है। कार्डधारक आमतौर पर अपने बैंक वाले एटीएम से मुफ्त में नकद निकाल सकते हैं, लेकिन आम तौर पर अन्य कंपनियों के स्वामित्व वाली मशीनों का उपयोग करने के लिए भुगतान करना पड़ता है। 
बैंक शुल्क :
  • ATM पर हमला – ग्राहक को सुविधा प्रदान कराने के लिए ATM किसी सुनसान जगह भी हो सकती है।क्योंकि एटीएम चौबीसों घंटे काम करने के लिए बनाई गई है। इसलिए जिस वक्त आप एटीएम के अंदर है उस वक्त आपकी ATM पर हमला हो सकता है। जब आप ATM से पैसा निकालने में व्यस्त हैं लगभग 1 से 2 मिनट।इतना समय बदमाश के लिए पर्याप्त है वह आपको नुक्सान पंहुचा सकता है और आपका पैसा लूट सकता है। इसलिए कुछ लोग अंधेरे के बाद या एकांत स्थान में एटीएम का उपयोग नहीं करते हैं।लेकिन जब आप बैंक परिसर में है उस वक्त गार्ड और जगह जगह लगे कैमरे की निगरानी में होते हैं।
  • कार्ड खराब – कार्ड काफी ज्यादा इस्तेमाल के बाद खराब हो जाता है।आपके पर्स में या जेब में रखे रखे मुड़ सकता है। और हो सकता है जब आपको इस कार्ड की सबसे ज्यादा जरूरत हो उस वक्त यह कार्ड धोखा दे दे।लेकिन जब आप बैंक जाते हैं तो बैंक में इस तरह की समस्या नहीं आती है वहां पर बैंक के कर्मचारी आपको, खाते से सम्बंधित हर तरह की मदद करने के लिए बाध्य है।

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ATM

atm आंखों से ना देख पाने वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एटीएम मशीन के कीपैड पर ब्रेल भाषा में चिन्ह अंकित होते हैं। जो व्यक्ति ब्रेल भाषा जानता है वह इन निशानों को छूकर महसूस कर लेता है और एटीएम मशीन को ऑपरेट कर पाता है। आपने इसी तरह के निशान लिफ्ट में भी देखें होंगे।

इसके अलावा 6 जून सन 2012 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक बोलने वाली एटीएम को भी इंस्टॉल किया।यह एटीएम पूरी तरह से बोलकर पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करती है। आंखों से दिव्यांग व्यक्ति को कार्ड रीडर के अंदर अपना कार्ड डालकर मशीन द्वारा बोले गए निर्देशों को समझ कर उनका पालन करना है।

मशीन द्वारा दिए गए निर्देशों को कोई और व्यक्ति न सुनले उसके लिए ATM मशीन के साथ एक हेडसेट दिया जाता है। निर्देशों को सुनकर कीपैड का इस्तेमाल करना पड़ता है। मशीन हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में बात करती है।

अपनी प्रॉपर्टी पर ATM कैसे लगवायें ?

इसके लिए आपको बैंक में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। बैंक आपके द्वारा दी गई जानकारी को चेक करेगा। चेक करने के बाद अगर आपकी application स्वीकार हुई तो बैंक आपसे कुछ और दस्तावेज मांगने मांगेगा।लेकिन उसके पहले सुनिश्चित करना होगा कि आपका आवेदन अस्वीकार ना हो। इसके लिए मैं नीचे कुछ कुछ अनिवार्य जानकारी सूचीबद्ध कर देता हूं। यह जानकारी आपको अपने आवेदन के साथ लगानी होगी। ताकि बैंक को आपकी आपका आवेदन पसंद आये। और वह पहली ही बार में इसको स्वीकार कर ले।

  1. आपके पास 80 से 100 वर्ग गज की जगह हो।
  2. इंटरनेट, V SET आदि उपकरण लगाने  जगह हो।
  3. 1 किलोवाट का बिजली कनेक्‍शन।
  4. बैंक का बोर्ड, Ad आदि लगाने की जगह(signage space) का होना भी अनिवार्य है।
  5. यह स्‍पेस ground floor और अच्छी प्रकाशित जगह पर हो।
  6. यहां आपको 24 घंटे पावर सप्‍लाई सुनिश्चित करनी होगी।
  7. ATM की जगह में कंक्रीट की छत होनी चाहिए।
  8. दूसरे एटीएम से उसकी दूरी 100 मीटर होनी चाहिए।
  9. रोलिंग शटर, और कंक्रीट से बनी छत वाली जगह हो।
  10. साइट की हर एंगल से और वीडियो बनाकर भेजना होगा।

क्या आपको ATM से सम्बंधित कोई और जानकारी चाहिए ?

क्या आपको ATM को अपनी प्रॉपर्टी पर लगाने के आवेदन के लिए कोई सहायता चाहिए ? कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें। 

Please share | कृपया शेयर करें।

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