Bluetooth working ब्लूटूथ कैसे काम करता है
आज की पोस्ट में हम Bluetooth working समझेंगे। अपने आसपास तारो का जाल किसे पसंद है। सन 1994 में एक डच (नीदरलैंड निवासी) इंजीनियर ने ऐसा ही सोचा और एक कम दूरी पर काम करने वाली तकनीक पर काम करना शुरू किया।
इस पोस्ट में हम जानेंगे की यह कैसे काम करता है और, और भी बहुत कुछ।
ब्लूटूथ का आविष्कार किसने किया ?
Jacobus Cornelis Haartsen या फिर Jaap Haartsen को ब्लूटूथ का जनक कहा जाता है। यह नीदरलैंड देश के एक मशहूर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, शोधकर्ता, आविष्कारक और उद्यमी हैं। अभी इनकी उम्र 58 साल है लेकिन उन्होंने यह कारनामा 1994 में , लगभग 31 साल की उम्र में ही कर दिखाया था।
Hartsen ने Philips और Siemens जैसी बड़ी कंपनियों में कुछ समय के लिए काम किया और उसके बाद अपनी पढाई जारी रखी। और 1990 ने Delft University of Technology से PhD की डिग्री प्राप्त की।
ब्लूटूथ का नाम Bluetooth कैसे पड़ा ?
उन दिनों (1994 – 1997 ) Ericsson, Intel और Nokia कंपनी साथ मिलकर एक काम दूरी की रेडियो तकनीक पर काम कर रहे थे। तब एक मीटिंग में Jim Kardach जो Intel के इंजीनियर थे , उन्होंने इस Technology को अस्थायी रूप से Bluetooth नाम दिया।
Jim Kardach ने कहा :
राजा हैराल्ड ब्लूटूथ (Harald Bluetoth) स्कैंडिनेविया (Scandinavia) को एकजुट करने के लिए प्रसिद्ध था। उसी तरह हम भी पीसी (PC – Personal Computer) और Cellular Devices को एक छोटी दूरी के वायरलेस लिंक के साथ एकजुट करेंगे।
Symbol of Bluetooth | ब्लूटूथ का चिन्ह
क्युकी ब्लूटूथ का नाम राजा “Harold Bluetooth” के नाम पर था , इसलिए उसका चिन्ह भी उसी राजा के नाम पर बना दिया गया। Nordic का मतलब – Scandinavia, Finland, and Iceland का रहने वाला।
Bluetooth Working | ब्लूटूथ कैसे काम करता है।
ब्लूटूथ के आविष्कार से पहले से ही सुचना का प्रसारण (transmission) बिना तारों के हो रहा था। रेडियो और TV हवा में छोड़ी गई तरंगों के माध्यम से सैकड़ों (संभवतः हजारों) किमी/मील दूर की रेडियो तरंगों में प्रसारित कार्यक्रमों को उठाते हैं। सारी प्रक्रिया इतनी तेज़ी से हो रही होती है की हमें एहसास भी नहीं होता। यह सब तांबे के तारों के साथ नहीं बल्कि हवा के माध्यम से अदृश्य रेडियो तरंगों के सूचना आदान प्रदान से होता है।
सूचना एक दम सुरक्षित होती है और सूचना भेजने वाले और सूचना लेने वाले दोनों के पास एक खास security कोड को exchange करने पर ही प्राप्त होती है।
ब्लूटूथ भी इसी तकनीक पर निर्धारित है। लेकिन यह कम दूरी (10 – 30 मीटर) पर होने वाली सूचना के लेन – देन के लिए बनाई गई है। जो सूचना/सिग्नल तारों के माध्यम से जा रही थी वह ब्लूटूथ के आने से अब हवा में जा सकती है।
लोकप्रिय ब्लूटूथ डिवाइस /यन्त्र
ब्लूटूथ के होने से जो तारों का जंजाल पहले हमारे आस पास बिखरा रहता था, अब वो नहीं है। जो सूचना /सिग्नल तारों के माध्यम से जा रहा था वह रेडियो तरंगों के माध्यम से जा सकता है।( डिवाइस के बारे में विस्तार से जानने और खरीदने के लिए तस्वीर पर click करें)
Bluetooth Working | ब्लूटूथ और wifi में अंतर
ब्लूटूथ और wifi दोनों का उपयोग रेडियो सिग्नल के माध्यम से वायरलेस संचार प्रदान करने के लिए किया जाता है।
सिर्फ अंतर यह है कि, ब्लूटूथ वास्तव में जानकारी साझा करने के लिए छोटी दूरी के उपकरणों को जोड़ने के लिए है जबकि wifi का उपयोग हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करने के लिए किया जाता है।
हालाँकि, ये दोनों तकनीक प्रतिद्वंदी नहीं हैं, बल्कि दोनों अलग-अलग तकनीक और दोनों में अंतर करना तार्किक नहीं होगा।