FD or RD or MF कौनसा ज़्यादा फायेदेमंद?
FD or RD or MF – इनमें से कौनसा ज़्यादा फायदेमंद है ? यह आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे। इसके साथ साथ हम जानेंगे की इनका मतलब क्या है ?
हमारे भारतवर्ष में ज़्यादातर लोग सिर्फ अपनी मासिक तनख्वाह पर निर्भर होते हैं। RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया)के अनुसार भारत में केवल 27.18 % लोग ही आर्थिक रूप से साक्षर हैं। मतलब 136 करोड़ की जनसँख्या वाले देश में सिर्फ 27 % लोग ही पैसे के लेन -देन एवं निवेश से सम्बंधित सही निर्णय ले पाते हैं। बाकि जनता को पता ही नहीं है की ठीक तरीके से निवेश करेंगे तो उनका कमाया हुआ पैसा उनके लिए और पैसा ला सकता है।
जो पैसा आपका बैंक में ऐसे ही आपके बचत खाते में पड़ा हुआ है उसको किसी अच्छी जगह निवेश करके आप अपने पैसे passive income कर सकते हैं।
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छठा point आपके लिए investment tip ज़रूर पढ़िए और कोई सवाल हो तो comment कीजिये।
Passive Income- क्या होता है ?
Passive Income का शाब्दिक अर्थ है “निष्क्रिय आय” और इसकी परिभाषा है।निष्क्रिय आय वह आय है जिसे अर्जित करने और बनाए रखने के लिए न्यूनतम श्रम की आवश्यकता होती है। इसे प्रगतिशील निष्क्रिय आय कहा जाता है जब कमाने वाला अपनी आय बढ़ाने के लिए बहुत कम प्रयास करता है।मैं निष्क्रिय आय को एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करता हूँ , “आपके मकान से किराया आना।” आपने एक मकान बनाया और उसको किराये पे दे दिया। आपने शुरू में उसमे निवेश करा लेकिन अब न्यूनतम परिश्रम के साथ आपको एक आमदनी आनी शुरू हो जाएगी। आपको किराये के रूप में प्राप्त हो रही आय ही पैसिव इनकम (passive income ) कहलाती है।
FD का क्या मतलब होता है?
FD बना है Fixed (स्थायी ) Deposit (जमा करना) से। यह एक तरह का बचत खाता है। इसको fixed deposit इसलिए कहते हैं क्युकी आप इस खाते में एक (fixed) स्थायी/निश्चित राशि ही जमा कर सकते हैं। मान लीजिए आपने एक FD खाता खुलवाया जिसमे आपने शुरुआत में 5000 रु की राशि जमा करदी। अब अगले महीने आप फिर से इसमें और कोई राशि जमा नहीं करा सकते।राशि के साथ साथ आपको एक समय अवधि भी चुननी होगी।इस वक्त तक आपका पैसा इस खाते में रहेगा और सके बाद ब्याज समेत आपको लौटा दिया जाएगा। अगर आप इस पैसे को नहीं लेते तो बैंक इसको अपने आप दुबारा समान अवधि के लिए फिर से चली कर देता है। बैंक आपको जमा की हुई राशी पर निर्धारित दर के अनुसार ब्याज देगा। यह ब्याज का पैसा आपको मासिक, छमाहि या वार्षिक रूप से मिलता रहेगा। और इस पैसे को कहते हैं passive income क्युकी इसको कमाने के लिए हमने कोई मेहनत नहीं करी। सिर्फ समझदारी से पैसा एक सुरक्षित जगह पे निवेश किया। इस पैसे को हर दिन बढ़ते देख सकते हैं और समय पड़ने पर बैंक से निकाल सकते हैं। FD को खुलवाने के लिए आपको बैंक जाने की ज़रूरत नहीं है। Inter Net Banking के माध्यम से आप इसको घर बैठे भी खोल सकते हैं।RD का क्या मतलब होता है?
RD बना है Recurring (बारम्बार) Deposit (जमा करना) से। इसको recurring deposit इसलिए कहते हैं क्युकी आप इस खाते में एक स्थायी/निश्चित राशि हर महीने जमा करनी होती है।मान लीजिए आपने एक RD खाता खुलवाया जिसमे आपने शुरुआत में 5000 रु की राशि जमा करदी। अब अगले महीने आपको फिर से इसमें 5000 रु ही जमा करने होंगे । इस खाते की एक निश्चित अवधि होती है उसके बाद आपको इसे बंद करवाना होगा। लेकिन तब तक आपको इसमें एक निश्चित राशि जमा करनी होगी। नहीं करेंगे तो मामूली दंड आपके खाते में जोड़ दिया जाएगा। आपकी जमा की राशि के बदले में बैंक आपको ब्याज देता है। बैंक आपको जमा की हुई राशी पर निर्धारित दर के अनुसार ब्याज देगा। RD की अवधि पूरी हो जाने पर बैंक आपको ब्याज और मूल दोनों मिलाकर पैसा देगा। और इस पैसे को कहते हैं passive income क्युकी इसको कमाने के लिए हमने कोई मेहनत नहीं करी। सिर्फ समझदारी से पैसा एक सुरक्षित जगह पे निवेश किया। इस पैसे को हर दिन बढ़ते देख सकते हैं और अवधि पूरी हो जाने पर बैंक से निकाल सकते हैं। RD को खुलवाने के लिए भी आपको बैंक जाने की ज़रूरत नहीं है। Inter Net Banking के माध्यम से आप इसको घर बैठे भी खोल सकते हैं। अघिकांश लोग इस खाते को बेटी की शादी , उच्च शिक्षा, विदेश में शिक्षा के लिए खुलवाते हैं।MF का क्या मतलब होता है?
MF बना है Mutual Fund से।
- Mutual का मतलब हैं आपसी/पारस्परिक और
- Fund का मतलब है पैसा (या पैसा निवेश करना Funding )
इस खाते को खुलवाने आपको बैंक से संपर्क करना होगा और DEMAT खाते के लिए आवेदन देना होगा। यह आवेदन आप इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भी दे सकते हैं।
एक बार demat खाता खुल जाने पर आपको किसी अच्छे Mutual Fund में निवेश करना होगा। आप इसमें एक निर्धारित पैसा निर्धारित अवधि के लिए या फिर मासिक पुनरावर्ती (repeat) के लिए भी कर सकते हैं।
जो पैसा आप इस खाते में जमा करते हैं वो शेयर बाजार में Fund Managers द्वारा निवेश किया जाता है। Fund Managers इतनी चतुराई और समझदारी से आपका पैसा निवेश करते हैं की आपके पैसे पर आपको ज़्यादा से ज़्यादा फायदा हो। यहाँ आपको ब्याज नहीं मिलता बल्कि निवेश किये पैसे फायदा होता है। जितना ज़्यादा आपको फायदा होगा फण्ड मैनेजर और उतना ही अच्छा म्यूच्यूअल फण्ड। हर कोई अपना पैसा अच्छे MUTUAL FUND और अच्छे FUND MANAGER को देना चाहते हैं, इसलिए हर फण्ड मैनेजर बहुत मेहनत से आपका पैसा निवेश करते हैं।
आप MF में कितना भी निवेश कर सकते हैं , कोई न्यूनतम या अधिकतम सीमा नहीं है।
उदहारण: SBI के MF का नाम है “SBI Banking & Financial Services Fund” इसमें आपने 5,000/- रु निवेश किया और पहले महीने ही यह पैसा 5,600/- रु हो गया तो आपको 12% का फायदा हुआ। हर महीने अगर आपने 5,000/- रु जमा किये तो साल में 60,000/- रु जमा कर दिए। और 12% की दर से आपके हो गए 67,200/- रु। यह दर शेयर बाजार के अनुसार घटती बढ़ती रहती है , इसलिए fund manager काफी सोच समझकर निवेश करते हैं। और अच्छे फण्ड में ही आपका पैसा लगाते हैं।
FD or RD or MF , इनमे से कौनसा सही है।
मेरे हिसाब से तीनो ही Passive Income के बहुत अच्छे स्त्रोत हैं। और तीनो के अपने अपने फायदे और नुक्सान हैं। लेकिन में ब्याज दर का बहुत बड़ा फर्क है।- FD में 6-7% की दर से आपको ब्याज मिलता है। उदाहरण : साल के 60,000/- रु 6.5% की दर से हो जाएंगे 63,996 /- रु
- RD में 4-5% की दर से आपको ब्याज मिलता है। उदाहरण : साल के 60,000/- रु 4.9% की दर से हो जाएंगे 61,610/- रु
- MF में 12-15% की दर से आपको फायदा होता है। उदाहरण : अगर आप 60,000/- रु lumpsum (एक मुश्त ) जमा करते हैं तो 12% की दर से हो जाएंगे 67,200/- रु
Investment Tip
- RD में ब्याज कम है तो उसमे आप निवेश न करें। आप बैंक से आवेदन करें की आपके लिए automatic FD की सुविधा दे। इससे जो भी राशि आप चाहेंगे उतने पैसे की FD बैंक अपने आप बना देगा। उदाहरण: आप बैंक को बोल दें की जैसे ही मेरे जमा खाते में 10000 /- रु हों तो 5000/- की FD अपने आप बन जाए।
- क्युकी MF में फायदा ज़्यादा है तो इसको किसी अच्छे mutual fund में निवेश करें। FD या RD में आपका ब्याज निश्चित है , लेकिन MF में नहीं। इसलिए अपनी बचत (LIC , घर खर्च , FD आदि ) बाद बचे पैसे को इसमें निवेश करें। इसमें आप 100/-, 500/- कितना भी निवेश कर सकते हैं।
- आप प्राइवेट/निजी लेकिन अच्छे और प्रतिष्ठित बैंक की FD ले सकते हैं जिनमे ब्याज ज़्यादा मिलता है।